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शिशुपाल पर्वत Shishupal parvat छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के सराईपाली और उड़ीसा बॉर्डर के समीप स्थित है। शिशुपाल पर्वत की चढ़ाई किसी एडवेंचर से काम नहीं है। कड़ी चढ़ाई होने के कारण इसपे चढ़ने में काफी कठिनाई आती है लेकिन इस चढ़ाई के बाद जो सूंदर दृश्य दिखाई देने वाले है उसके आगे सभी कठिनाई न के बराबर है। आज हम शिशुपाल पर्वत की सम्पूर्ण जानकारी देंगे इस ब्लॉग में।
शिशुपाल पर्वत कहाँ है और कैसे पहुंचे
शिशुपाल पर्वत राजधानी रायपुर से लगभग 185 किमी की दुरी। तथा सराईपाली से लगभग 26 किमी की दुरी पर स्थित है। यंहा आप बाइक ,चार पहिया वाहन दोनो से आ सकते है। यंहा पहुंचते ही आपको एक पार्किंग स्थल दिख जाएगा यंहा कार या अन्य चार पहिये वाहन का 50 रूपए तथा बाइक का 20 रुपये पार्किंग का लिया जाता है। पार्किंग का शुल्क भीड़ भाड़ रहने पर ही लिया जाता है बाकी समय में छूट रहती है।
खासियत
शिशुपाल पर्वत में झरने है जो लगभग 1100 फीट की ऊंचाई से गिरते है इतनी ऊंचाई से गिरने वाली जल की धारा किसी अदभुत दृश्य से कम नहीं होते। 10 किमी के दायरे में स्थित इस पहाड़ की मनोरम दृश्य मन को शांति तथा एक सुकून भरी सांस से आपको तरोताजा बनाए रखती है ।
शिशुपाल पर्वत का इतिहास
ऐसा मानना है शिशुपाल नामक राजा का महल इस पहाड़ की ऊंचाई में स्थित था। जब इनपे अंग्रेजो ने हमले कियें तो इन्होंने अपनी जी जान से अंग्रेजो से मुकाबला किया।और जब इन्हे लगा की अब समय निकट है।तब मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने घोड़े की आंख पे पट्टी बांधकर 1100 से फीट की ऊंचाई से छलांग लगा दी। उसके बाद से इस पर्वत का नाम शिशुपाल पर्वत के नाम से जाने लगा तथा जिस घोड़े से इन्होंने छलांग लगाई उसी के नाम के अनुसार इस पर्वत पर बहने वाली झरना को घोड़ाधार झरना कहते है।
शिशुपाल पर्वत का किया जाएगा विकास पर्यटन स्थल के रूप में ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान घोषणा की थी की शिशुपाल पर्वत का पर्यटन स्थल के रूप में जनसुविधाओं से परिपूर्ण किया जाएगा इसका विकास।
यहां लगता है भव्य मेला
अगर आपको यहां मेला देखना है तो आपको मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि में भव्य मेला देखने को मिल जाएगा । यहां हर साल वैसे हजारों की संख्या में सैलानी घूमने के लिए आते है यहां ऊपर में स्थित एक शिव मंदिर भी है जिसका उस स्थान में एक रहस्यमय याद दिलाती है ।
यहां आने से पहले क्या करे और क्या नहीं
तो आप कभी भी यहां आए तो अकेले बिल्कुल ही ना आए इस चीज का खास ध्यान रखे की आए तो यहां से कोई आसपास में अपने परिचित स्थानीय लोग के साथ ही आए।जिन्हे इस जगह की जानकारी हो
अपने पास अपनी जरूरत की चीज जैसे पानी की बॉटल , लकड़ी का डंडा,तथा अन्य चीज जैसे खाने पीने की वस्तुएं जरूर रखें।
खड़ी चढ़ाई है तो यहां आराम से चढ़े कोई जल्दबाजी न करे।तथा अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखे।
शिशुपाल पर्वत जाए तो वहां पर कचरा या गंदगी न फैलाए अपनी प्रकृति की सुंदरता का साफ व स्वच्छ बनाने में अपना सहयोग करे।