विंध्यवासिनी माता बिलई धमतरी छत्तीसगढ़।
“माता बिलई को ही विंध्यवासिनी कहा जाता है ।”
आखिर माता बिलई को बिलई माता क्यों कहा जाता है ,कैसे माता बिलई का नाम बिलई माता पड़ा । क्या है इसके पीछे पौराणिक कहानियां ये सब जानेंगे हम इस ब्लॉग में।
विंध्यवासिनी माता बिलई मंदिर धमतरी जिले में ही स्थित है। नया बस स्टैंड से माता बिलई मंदिर की दूरी लगभग 3 KM है। तथा राजधानी रायपुर से इसकी दूरी 80 KM की दूरी पर स्थित है।
माता बिलई के बारे में कई पौराणिक कहानियां है। मगर वंहा के स्थानीय लोगों के अनुसार मान्यता है कि ,माँ विंध्यवासिनी की मूर्ति जमीन से निकली है ,जो धीरे – धीरे ऊपर आती जा रही है ।
स्थानीय लोगो का कहना है माता की प्राण प्रतिष्ठा के बाद माता की प्रतिमा जमीन से कुछ ऊपर उठी है ।
माँ विंध्यवासिनी की कहानी –
माता विंध्यवासिनी का जहाँ मंदिर हैं पहले यंहा जंगल हुआ करता था । स्थानीय लोगो का ऐसा कहना है कि
इसी जंगल में राजा महाराजाओ के काल में एक राजा हुआ करता था ।
वह एक दिन अपने सैनिको तथा मंत्री गणो के साथ भ्रमण में निकले हुए कुछ दूर चलते चलते अचानक घोड़े रुक गए और वे आगे ही नहीं बढ़ पा रहे थे ।
राजा ने पूछा क्या हुआ ये घोड़े आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहे है । सभी सैनिक घोड़े के आस -पास देखने लग गए तभी अचानक उन्हें काले रंग की कुछ बिल्लियाँ दिखी जिन्हे वे रास्ते से हटाने का प्रयास करने लगे जैसे ही सैनिक इनके पास आये तो ये बिल्लियाँ उनपे गुर्राने लगी ।
इन बिल्लियों को रास्ते से हटाने के लिए सैनिको ने काफी प्रयास किये अंत में ये बिल्लियां वंहा से चली गयी | जिस जगह पे बिल्लियाँ बैठी थी वही इन्हे श्यामल पत्थर दिखाई दिया ।
राजा ने उस पत्थर को वंहा से निकलवाने के लिए सैनिको को आदेश दिया । जैसे ही सैनिक उस पत्थर के चारो ओर खोदने का प्रयास करते वंहा से पानी निकल आता था उन्होंने उस पत्थर को हटाने अनेको प्रयत्न किये पर वो असफल रहे । अंत में थक हार वो वापस लौट गए ।
उसी रात को राजा के स्वपन में माँ विंध्यवासिनी आयी और राजा से कहने लगी हे! राजन जिस पत्थर को निकालने का प्रयास कर रहे हो वो स्वयं मैं तुम्हे उस पत्थर का निकालने का प्रयास छोड़ देना चाहिए ।
अगले दिन सुबह राजन फिर उसी जगह पर वापस गए और उस पत्थर के चारो तरफ एक छोटे से मंदिर का निर्माण कराया ।
आइये अब जानते है की माता विंध्यवासिनी का नाम बिलई माता क्यों पड़ा
आपने ऊपर पढ़ा तो पता चला कि जब सैनिक उन्हें पत्थर के आस – पास बिल्लियां दिखी ये बिल्लियां माता की रक्षा करते थे बस क्या था फिर इसी वजह से माता विंध्यवासिनी का नाम बिलई माता पड़ गया वही से सब भक्तजन माता को बिलई माता कहने लगे।