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sirpur laxman temple ( cg famous )सिरपुर ,लक्ष्मण मंदिर

सिरपुर के बारे में

sirpur laxman temple ( cg famous )सिरपुर ,लक्ष्मण मंदिर

6वी से 8 वी शताब्दी के बीच दक्षिण कोसल ( छत्तीसगढ़ )की राजधानी हुआ करती थी श्रीपुर ( सिरपुर )। इस प्राचीन कालीन धरोहर के बारे में जानेंगे इस ब्लॉग में

प्राचीन काल में सिरपुर (sirpur laxman temple)

सोमवंशी राजाओं द्वारा इस राजधानी में राज किया जाता था सिरपुर ( sirpur laxman temple ) पहले राजधानी होने के कारण तथा महानदी के समीप स्थित होने के कारण प्राचीन समय में व्यापार का केंद्र हुआ करता था जिसमे व्यापार करने के लिए अन्य राज्यो से व्यापारी आया करते थे । यहाँ प्राचीन समय के तीन धर्म के मंदिर व मूर्तियां अत्यधिक देखने को मिलेंगी जिसमे हिंदू, जैन,तथा बौद्ध आज भी इनकी मूर्तियां इस स्थान पे देखने को मिलेंगी

सिरपुर में स्थित लक्ष्मण मंदिर आज भी लगभग वैसे ही है जैसे ये पहले हुआ करता था।

किसने बनवाया और कब बनवाया

लक्ष्मण मंदिर रानी वसाटा ने अपने पति हर्षगुप्त की याद में बनवाया था। आज भी यह मंदिर वैसे का वैसा है इसका निर्माण लाल ईंटो से बनवाया गया था जो उस समय की सबसे पहले ईंटो से निर्मित प्रथम मंदिर के रूप में आज भी स्थित है इनको इस प्रकार बनाया गया था की ये भूकंप रोधी होते हो। जिस कारण से आज भी वैसे का वैसा है ।आज के समय में मकान ज्यादा से ज्यादा 30 से 40 वर्ष के बीच ही जर्जर हो जाती है। जो लक्ष्मण मंदिर आज भी ज्यों का त्यों स्थित हैं।

सिरपुर के लक्ष्मण मंदिर का निर्माण 625 ई. से 650 ई. के बिच हुआ था।

अद्भुत कलाकृति

प्राचीन समय में मशीने तथा अन्य कारीगरी सामान न होने के बावजूद मंदिर के निर्माण में उपयोग हुये ईंटो में कलाकृति इतनी विशिष्ट है की आप बस सीखते ही रह जायेंगे। स्थापत्य कला के हिसाब से बना ये मंदिर बना है जिसमे सबसे पहले मंडप ,गर्भगृह तथा शिखर देखने को मिलेगा नागर शैली से बने इस मंदिर में आपको 16 पिलर देखने को मिलेगा मंदिर के मुख्य द्वार में पंचरत्न की कला देखने को मिलेगा।

इस मंदिर में आपको भगवन विष्णु के अवतारों के दृश्य दिखाई देंगे जिसमे मतस्य अवतार ,वराह अवतार ,नर्सिंग अवतार वामन अवतार ,भगवान् बुद्ध के रूप में। तथा इसमें पशु – पक्षियों ,मेंढक – सांप ,चूहा बन्दर मोर आदि जन्तुओ की सुन्दर नक्काशी इस मंदिर में दिखेंगी।

इसका नाम लक्ष्मण मंदिर क्यों रखा गया

इस मंदिर का नाम लक्ष्मण मंदिर इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें जो प्रतिमा है वो भगवान् शेषनाग की है चूँकि लक्ष्मण जी शेषनाग का अवतार होने के कारन इसका नाम लक्ष्मण मंदिर पड़ा।

यहाँ घूमने को क्या क्या मिलेगा

यहाँ स्थित संग्रहालय में आपको प्राचीन समय के बहुत सारे मुर्तिया देखने को मिलेंगी जो खुदाई के समय प्राप्त हुई है , उस समय का एक कुंवा भी देखने को मिलेगा जो भूकंप रोधी होने के कारण आज भी उपस्थित है।

आस पास में घूमने के लिए

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